जौनपुर
बीते 19 अप्रैल को बसपा का टिकट लेकर मैदान में उतरीं श्रीकला सिंह की 27 अप्रैल को हुई प्रेसवार्ता के बाद विपक्षी दल बौखला गए हैं। दिलचस्प ये है कि श्रीकला के बयान को मीडिया ने इतना उछाला की नेशनल और प्रदेश स्तर पर इस हॉटसीट की लड़ाई लोग सपा और बसपा के बीच मानने लगे हैं। अब बौखलाहट में जहाँ सत्ताधारी दल धनन्जय को जेल से बाहर आने में रोडे अटकाने के लिए लग गया है, वहीं आम जन में श्रीकला का चुनाव ऊँचाई नापने लगा है। अब इसे सहानभुति कहें या धनन्जय से वर्षों का लगाव लेकिन इतना दिखने लगा है कि विपक्षी दल अपने वोट बैंक का बचाने में भी लग गया है।
विदित हो कि बीते 6-7 मार्च को जिस अपाहरण के मामले में पूर्व सांसद धनन्जय सिंह को आनन-फानन में जेल जाना पड़ा, अब उसी मामले में सज़ा पर तो हाई कोर्ट ने कोई निर्णय नहीं दिया लेकिन उन्हें जमानत मिलने के बाद 27 अप्रैल को बरेली जेल में शिफ्ट किया जाना आम जन की नजर में सत्ताधारी दल की बौखलाहट स्पष्ट नजर आने लगी हैं। नेशनल मीडिया में जिस तरह की चर्चा जोर पकड़ रही है यदि उसे सही माना जाये तो यह तय है कि जमानत से बाहर आने के बाद धनन्जय सिंह को फिर किसी मामले में फासने के षणयंत्र से इंकार नहीं किया सकता है। यह सब इस लिए किया जा रहा है क्योंकि धनन्जय के जेल में रहते हुए जिस तरह से श्रीकला सिंह का चुनाव परवाज़ करने लगा है यदि वह बाहर आते हैं तो उसकी रफतार बुलेट ट्रेन से भी अधिक होने की सम्भावना से नहीं नकारा जा सकता है।
नेशनल मीडिया में जो खबरें हैं उसके हिसाब से श्रीकला सिंह को सबसे बड़ा फायदा पश्चिमी यूपी में भाजपा से राजपूतों की नाराज़गी अब पूर्वी यूपी में भी हिलोरें लेने लगी हैं जबकि जनपद की मीडिया भी जानती है कि यहा सर्वाधिक वोट बैंक में ब्राह्मण, क्षत्रिय, यादव, दलित और मुस्लिम एक दूसरे की टक्कर में हैं इनमें कोई दो लाख से ढाई लाख के बीच है तो कोई लगभग दो लाख हैं यहां के दलों के प्रत्याशियों के नज़रिये से मुस्लिम वोट बैंक निर्णायक भूमिका निभा सकता है। अदर बैकवर्ड को यदि सपा प्रत्याशी ने अपनी तरफ खींचा तो इसका नुकसान भाजपा को होगा जबकि दलित बसपा से इतर जाने को तैयार नहीं हैं। धनन्जय सिंह के कारण हर वर्ग के मतदाता बसपा प्रत्याशी श्रीकला के साथ टिकट मिलने के बाद से जुड़ते जा रहें हैं फिलहाल चुनावी तापमान सर्वाधिक ऊंचाई नामांकन के बाद हासिल करेगा।