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मड़ियाहूं कोतवाली की मिश्राना मोहल्ले में प्रेम विवाह के बाद मौत को गले लगाने वाली दंपति ने की मौत अबूझ पहेली जरूर बनी हुई है लेकिन मृतक संपत के पत्नी की डॉक्टर बनने की चाहत अधूरी रह गई है।


घटना के संबंध में बताया जाता है कि मृतक विशाल कुमार पटेल अपना खुद का बोलोरो गाड़ी रखकर चालक का काम करता था। वर्ष भर पहले वह अपने मामा सुनील पटेल के घर वाराणसी जिले के कमसेठी थाना के मधुमक्खियां गांव गया था। जहां पर पड़ोस के ही रमेश पटेल की बेटी आंचल उर्फ अर्चना पटेल से आंखें दो चा हुई तो दोनों ने एक दूसरे को दिल दे बैठे। उसके बाद धीरे-धीरे प्रेम बढ़ता गया और 11 जुलाई को अर्चना ने परिवार को बिना बताए दीवानी कोर्ट जौनपुर में आकर कोर्ट मैरिज कर लिया। कोर्ट मैरिज के बाद आन चलने अपने पति विशाल से डॉक्टर बनने की इच्छा जाहिर किया जिसके लिए उन्होंने नेट परीक्षा देने के लिए ऑनलाइन फार्म भरा।
इसी दौरान परंपरागत शादी करने के लिए विशाल के परिवार वालों ने आंचल के मायके बात किया लेकिन कोई बात नहीं बनी तो बीते 8 नवंबर को पारिवारिक रीति रिवाज के साथ मड़ियाहूं स्थित श्री राम जानकी मंदिर में रिश्तेदारों के बीच शादी कर दिया।
बताया जाता है कि 2 हफ्ते पूर्व मायके से पिता रमेश पटेल मड़ियाहूं स्थित बेटी के घर पहुंचे और अपनी बेटी का मार्कशीट मांगा जिसे लेने के बाद उसे फाड़ कर फेंक दिया। आंचल नीट की तैयारी करना चाहती थी बताते हैं कि मार्कशीट फटने के बाद ही उसको ऐसा सदमा लगा की वह मौत को गले लगाने का फैसला कर दिया। रविवार की दोपहर दंपति खाना खा पीकर कमरे में सोने के लिए चले गए। रात 7:00 बजे जब विशाल की मां आशा देवी कमरे में जगाने के लिए पहुंची तो किवाड़ खटखटाने के बाद कोई आवाज नहीं आया। तो पड़ोसी को बुलाकर खिड़की से जानकारी करवाई तो पंखे के हुक में दोनों का शव लटकता मिला। रात 8:30 बजे परिजनों ने पुलिस को सूचना दिया मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेते हुए पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मामले की जांच पड़ताल करने में जुट गए। मृतक विशाल दो भाई थे जिसमें बड़ा भाई आशीष कुमार पटेल एग्रीकल्चर से एमएससी की डिग्री की पढ़ाई कर रहा है वहीं मृतक बोलोरो चालक का काम करता था।

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