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    समाजवादी पार्टी कार्यालय पर पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वं जनेश्वर मिश्र की 13वीं पूर्णतिथि मनाई गई

    जिलाअध्यक्ष लालबहादुर यादव ने उनके चित्रपर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा
    समाजवादी राजनीति की चर्चा हो तो जनेश्वर मिश्र का नाम लिए बिना यह चर्चा पूरी नहीं होती। सपा संरक्षक स्व मुलायम सिंह यादव रहे हों या सपा मुखिया अखिलेश यादव, समाजवाद पर बोलते हुए दोनों ही जनेश्वर मिश्र का नाम जरूरी तौर पर लेते हैं।
    जनेश्वर को क्यों कहते हैं छोटे लोहिया
    5 अगस्त 1933 को बलिया के शुभ नाथहि गांव में पैदा हुए जनेश्वर मिश्रा समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया के बड़े अनुयायियों में गिने जाते हैं। छात्र जीवन में ही उनके ऊपर लोहिया के विचारों का प्रभाव पड़ गया था। समाजवादी युवजन सभा जॉइन करने के बाद मिश्रा पहली बार राम मनोहर लोहिया के संपर्क में आए। मिश्रा ने राम मनोहर लोहिया के साथ लंबे समय तक काम किया था। इस दौरान उन्होंने लोहिया के विचारों और उनके काम करने के तरीकों को ऐसे अपना लिया था, जैसे वह उनकी परछाईं हों। यही कारण था कि एक बार इलाहाबाद में आयोजित जनसभा में समाजवादी नेता छुन्नू ने कहा था कि जनेश्वर मिश्र के अंदर राम मनोहर लोहिया के सारे गुण हैं और इसलिए वे एक तरह से ‘छोटे लोहिया’ हैं। इसके बाद से ही जनेश्वर मिश्र का नाम छोटे लोहिया मशहूर हो गयें वे जीवन पर्यंत गरीब कमजोर की आवाज उठाते रहें और आज उन्हीं के दिखाए रास्ते पर समाजवादी पार्टी भी चल रही हैं जंयती के अवसर पर मुख्य रूप से जिलाउपाध्यक्ष श्याम बहादुर पाल,प्रवक्ता राहुल त्रिपाठी, शकील अहमद,दीपचंद्र राम,राजेश यादव, डॉ जंगबहादुर यादव, श्याम नरायण बिन्द,कमालुद्दीन अंसारी संजीव साहू,धर्मेंद्र सोनकर,विक्की यादव, सोनी यादव,आदि संचालन जिलामहाचिव हिसामुद्दीन शाह ने किया ।।

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