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पॉवर कारपोरेशन में लागू आपातकाल के विरोध में प्रान्तव्यापी चेतावनी दिवस : स्टेट विजिलेंस के माध्यम से की जा रही उत्पीड़नात्मक कार्यवाही से बिजली कर्मियों में फूटा गुस्सा

BySatyameva Jayate News

Jun 27, 2025
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पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन की परिसम्पत्तियों की विजिलेंस जांच की उठी मांग

चेतावनी सभा में बिजली कर्मियों ने लिया सामूहिक जेल भरो का संकल्प

     विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के आह्वान पर आज प्रदेश भर में बिजली कर्मियों ने पॉवर कारपोरेशन में लागू आपातकाल के विरोध में समस्त जनपदों, परियोजनाओं और राजधानी लखनऊ में सभा कर चेतावनी दिवस मनाया। वक्ताओं ने पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन को चेतावनी दी कि उत्पीड़न, दमन और झूठे आंकड़ों के दम पर बिजली का निजीकरण नहीं होने दिया जायेगा। चेतावनी सभा में बिजली कर्मियों ने निजीकरण के विरोध में सामूहिक जेल भरो अभियान चलाने का संकल्प लिया।
     संघर्ष समिति ने स्टेट विजिलेंस के माध्यम से संघर्ष समिति के शीर्ष पदाधिकारियों का उत्पीड़न किये जाने की घोर भर्त्सना करते हुए पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन डॉ आशीष गोयल की परिसम्पत्तियों की विजिलेंस से जांच कराये जाने की मांग की। संघर्ष समिति ने कहा कि पावर कारपोरेशन के चेयरमैन द्वारा उत्पीड़न की दृष्टि से हजारों ट्रांसफर किये गये, संविदा कर्मियों को निकाला गया और कर्मचारी सेवा नियमावली में अलोकतांत्रिक संशोधन कर बिना जांच और बिना सफाई का अवसर दिये सेवा से बर्खास्त करने का तानाशाहीपूर्ण संशोधन किया गया। इन सबसे बिजली कर्मियों को डराने में असफल रहने पर चेयरमैन ने अब स्टेट विजिलेंस के जरिये एफ आई आर कराने का रास्ता निकाला है जिससे बिजली कर्मियों में उबाल आ गया है। 
     संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से मांग की कि पावर कारपोरेशन के चेयरमैन डॉ आशीष गोयल की जयपुर, रानीखेत, ग्रेटर नोएडा, नोएडा, मथुरा के मकानों, जमीन और अन्य परिसम्पत्तियों की निष्पक्ष विजिलेंस जांच करायी जाये। उन्होंने कहा कि पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांलच विद्युत वितरण निगम के निजीकरण हेतु इतने उतावले हो गये हैं कि वे अब उत्पीड़न के नाम पर संघर्ष समिति के पदाधिकारियों पर मनगढ़ंत एफआईआर कराने पर आमादा हो गये हैं। उन्होंने कहा कि प्रबन्धन के इस कदम से बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा व्याप्त हो गया है। 
     विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के पदाधिकारियों संजय सिंह चौहान, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, गिरीश पांडेय, महेन्द्र राय, पी.के.दीक्षित, सुहैल आबिद, चंद्र भूषण उपाध्याय, विवेक सिंह, आर वाई शुक्ला, छोटेलाल दीक्षित, आर बी सिंह, मो वसीम, मायाशंकर तिवारी, रामचरण सिंह, श्रीचन्द, सरजू त्रिवेदी, योगेन्द्र कुमार, ए.के. श्रीवास्तव, देवेन्द्र पाण्डेय, के.एस. रावत, राम निवास त्यागी, प्रेम नाथ राय, शशिकान्त श्रीवास्तव, मो इलियास, रफीक अहमद, पी एस बाजपेई, जी.पी. सिंह, राम सहारे वर्मा, विशम्भर सिंह ने आज यहां बताया कि पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन ने बड़े पैमाने पर मनमाने ढंग से स्थानान्तरण कर बिजली कर्मियों का उत्पीड़न किया। चेयरमैन के निर्देश पर अत्यन्त अल्प वेतन भोगी संविदा कर्मियों की छंटनी की जा रही है और फेसियल अटेंडेंस के नाम पर उनका वेतन काटा जा रहा है। उत्पीड़न की इन कार्यवाहियों से तथा झूठे आंकड़े देकर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण की साजिश बिजली कर्मी कामयाब नहीं होने देंगे। 
           संघर्ष समिति ने बताया कि 22 जून की बिजली महापंचायत से बौखलाये पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन और शासन के कुछ अधिकारियों ने मिली भगत कर स्टेट विजिलेंस के माध्यम से संघर्ष समिति के कुछ बड़े पदाधिकारियों पर एफ आई आर दर्ज करायी है। एफ आई आर के माध्यम से बिजली कर्मियों को डराने और उत्पीड़न की कार्यवाही के पीछे केवल निजीकरण है। उन्होंने बताया कि आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में प्रबन्धन एवं प्रशासन द्वारा झूठे और मनगढ़ंत आंकड़ों के आधार पर एफ आई आर करायी गयी है। यहां तक कि एफआईआर में आंकड़ों के मैनीपुलेशन में जोड़ घटाव की गलती साफ दिखाई दे रही है जो इस बात का प्रमाण है कि यह एफआईआर जल्दबाजी में डराने और बदनाम करने के लिए की गयी है।
      आज वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर,सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद, हरदुआगंज, जवाहरपुर, परीक्षा, पनकी, ओबरा, पिपरी और अनपरा में हुई चेतावनी सभा में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया।
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