जौनपुर
मोहल्ला कटघरा में नसीर हाउस में सफर में तक़रीबन 40 सालों से होती रही है | अपने बुज़ुर्गों की क़ायम की गयी इस ज़िम्मेदारी को बखूबी निभाते हुए जनाब अहसन रिज़वी उर्फ़ नजमी साहब ने इस साल भी पहली सफर से दस सफर तक यह अशरा क़ायम रखा जिसमे नौ उलेमा और ज़किरीन ने पैगाम ऐ इंसानियत दिया, जिसमे उन्होंने लोगों को पैगम्बर ऐ इस्लाम हज़रत मुहम्मद( स.अ.व )के नवासे हज़रत इमाम हुसैन (अ.स) और की कर्बला में शहादत का मक़सद बताया और लोगों को हिदायत की के अगर वो इमाम हुसैन के इंसानियत पे पैगाम पे चले और इसे आगे बढ़ाएं तो दुनिया में भी शांति रहेगी और आख़िरत में भी कामयाबी मिलेगी |
इस मजलिसों की खिताबत का काम जौनपुर के मशहूर उलेमा और ज़किरीन ने किया |
1.ज़ाकिर ए अहलेबैत जनाब असलम नकवी साहब , 2.मौलाना सय्यद सफदर ज़ैदी साहब किब्ला,3.मौलाना उरूज हैदर साहब किबला,4.ज़ाकिर ए अहलेबैत मौलाना अली अब्बास हायरी ,5.मौलाना अबिद आगा नज़फी साहब किबला,6.ज़ाकिर ए अहलेबैत डॉ. कमर अब्बास साहब,7 .मौलाना हसन अकबर खान साहब,8. मौलाना तनवीर हैदर खान साहब ,9.ज़ाकिर ऐ अहलेबैत मोहम्मद हसन नसीम साहब साबिक प्रिंसिपल आरडीएम शिया कॉलेज इन मजलिसों में सोअज़ ख्वानी जनाब जनाब महताब साहब और साथियों ने किया निजामत व पेशख्वानी जनाब का काम तालिब राजा, मिर्ज़ा मोहम्मद बादशाह, शाकिर और
हसन ने अंजाम दिया |
इसमें शिरकत आजादार अबिदी, फैसल,अहमद फ़राज़ , मिर्ज़ा बाबर , यावर खान,ज़्यारत हुसैन, जावेद सुलतान, रुशेद, नदीम इत्यादि मोमिनीन जौनपुर ने किया |
इस मजलिस ऐ अशरा के अंतिम दिन में बाद मजलिस अलम हज़रत अब्बास अलमदार और तुर्बत ऐ सकीना की ज़ियारत की और नाम आँखों से नौहा अंजुमन ए बज़्म ए अज़ा ने पढ़ा और हुसैन पे हुए ज़ुल्म को याद कर के आंसू बहाया
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जुलूस के आखिर में मुंतज़मींन ए अशरा ने सभी मोमिनीन और ज़किरीन का शुक्रिया अदा किया |