दरअसल चीन की मदद से ही दोनों देशों के बीच संबंध ठीक हो रहे हैं। ईरानी मीडिया ने बैठक के कुछ वीडियो और फोटो शेयर किए हैं। इसमें सऊदी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मुसाद बिन मोहम्मद अल-ऐबन और चीन के सबसे वरिष्ठ राजनयिक वांग यी के साथ ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव अली शामखानी को देखा जा सकता है।
आपको बता दें कि दोनों इस्लाम के अलग-अलग पंथ को मानते हैं। ईरान में ज्यादातर शिया मुसलमान हैं, वहीं सऊदी अरब खुद को एक सुन्नी मुस्लिम शक्ति की तरह देखता है।
ईरान और सऊदी अरब ने हाथ मिला लिया। दशकों की दुश्मनी आज दोस्ती में बदल गई। हतप्रभ करने वाली बात ये है की दोनो कट्टर दुश्मन मुल्कों की दोस्ती करवाई चीन ने। मिडिल ईस्ट में एक दूसरे के दुश्मन अब दोस्त बन रहे हैं। तुर्की से लेकर ईरान तक। सऊदी से कतर तक एक हो रहे हैं