पहले भी वैश्विक स्तर पर देश का नाम कर चुकी हैं रोशन, सिंगापुर के प्रथम कविताई पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुकीं हैं शुचि मिश्रा
जौनपुर के मितावां गांव की निवासी युवा कवियत्री शुचि मिश्रा को भारत सरकार द्वारा भोपाल में आयोजित चार दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव में सम्मानित किया गया। भारत सरकार के प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संचार विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में विज्ञानिका के अंतर्गत विज्ञान कवि सम्मलेन में शुचि मिश्रा ने अपनी कविताओं का पाठ किया। वक्र रेखा और वक्र यात्रा तथा पृथ्वी झुकी है कवितायों के साथ ही शुचि की चर्चित ‘शुकदेव प्रसाद से मिलना’ कविता की खूब सराहना हुई। इसके पहले भी शुचि मिश्रा वैश्विक स्तर पर देश का नाम रोशन कर चुकी हैं। शुचि द्वारा रचित ‘पृथ्वी झुकी है’ कविता पर उन्हें सिंगापुर का प्रथम कविताई अवार्ड भी मिल चुका है। बेहद कम उम्र में उनके द्वारा अबतक सैकड़ो कविताएं लिखी जा चुकीं है। ‘पृथ्वी झुकी है’ काव्य संग्रह के बाद शुचि के दूसरे काव्य संग्रह “प्रिज्म” की भी आमद हो चुकी है। हालांकि साहित्य के क्षेत्र में लगातार जिले का नाम रोशन करने पर लोग उन्हें बधाइयां भी दे रहे हैं।
बता दें कि भारत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश के भोपाल में चार दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया। कार्यक्रम के तीसरे दिन विज्ञान कवि सम्मेलन में शुचि मिश्रा के अलावा कवि सन्तोष चौबे, सुधीर सक्सेना, मोहन सगोरिया, नीलेश मालवीय, ओम यादव, सुभ्रता मिश्रा समेत कई अन्य कवियों ने भी काव्य पाठ किया। जौनपुर की युवा कवियत्री शुचि मिश्रा ने अपनी कविताएँ पेश करके लोगों का दिल जीत लिया। शुचि को बेहतर प्रस्तुति करने के लिए स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
युवा कवियत्री शुचि मिश्रा पिछले एक दशक में अपनी प्रतिभाओं की बदौलत हिंदी साहित्य तथा विज्ञान लेखन जगत में अपनी अलग पहचान बनाई हैं। उनकी कविताओं में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का समावेश होता है। उन्होंने कई भारतीय वैज्ञानिकों पर मोनोग्राफ लिखने का काम भी किया है।