प्रयागराज
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले को
गंभीरता से लिया है,
कोर्ट ने कहा है कि खुद गलती करने वाले अधिकारियों को दूसरे की गलती पर एक्शन लेने का अधिकार नहीं है
जो खुद बकायेदार हों उन्हें दूसरों पर दोष मढ़ने का अधिकार नहीं है,
जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच में हुई सुनवाई,
कोर्ट ने यह टिप्पणी याची के इस आरोप पर की है,
कि बिजली विभाग के कर्मचारी अधिकारी बिना मीटर लगाए अपने घरों में बिजली का मनमानी इस्तेमाल कर बिजली की चोरी करने में जुटे हैं,
उपभोक्ताओं का निरीक्षण करने वाली टीम इनका निरीक्षण नहीं करती,
उपयोग की बिजली का भुगतान नहीं कर ये अधिकारी सरकार व विद्युत निगम को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं,
अधिकारियों को कानूनी छूट नहीं है,
परोक्ष या प्रत्यक्ष रूप से बिजली चोरी में शामिल हैं,
बिल का भुगतान नहीं करने पर इन अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होती,
बिजली वितरण एजेंसी दोहरा मापदंड नहीं अपना सकती,
कोर्ट ने कहा कि सरकार ने बिजली विभाग के कर्मचारियों अधिकारियों का चेक कर कार्रवाई करने की कोई एडवाइजरी संस्था नहीं बनाई है,
कोर्ट ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम, दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम व पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के अध्यक्ष के अधिकृत अधिकारी को हलफनामा दाखिल करने का दिया निर्देश,
कोर्ट ने याची के खिलाफ केस कार्यवाही पर रोक लगा दी है,
याची के खिलाफ विद्युत चोरी का केस दर्ज किया गया है,
जबकि उसका कहना है कि उसके नाम कोई कनेक्शन नहीं है और न ही उसपर कोई बकाया बिल रहा है,
पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी और मजिस्ट्रेट ने सम्मन भी जारी कर दिया,
याचिका में कहा गया है कि यह न्यायिक प्रक्रिया का दुरूपयोग है,
जिसे रद्द करने की मांग की गई है,
कोर्ट ने याचिका पर जे ई बृजेश कुमार व विवेचना अधिकारी सहित बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता स्तर के अधिकारी का जवाबी हलफनामा मांगा है,
13 दिसंबर को होगी मामले की अगली सुनवाई,
उमाशंकर वर्मा के खिलाफ जे ई बृजेश कुमार ने ऐंटी पावर थेफ्ट थाना,बलिया में 18 सितंबर 20 को एफआईआर दर्ज कराई,
आरोप लगाया कि 15 सितंबर 20 को निरीक्षण टीम ने बिजली चोरी पकड़ी,
कहा इनका कनेक्शन बकाया भुगतान न होने पर काट दिया गया था,
इसके बावजूद बिना बिल भुगतान किए बिजली का उपयोग करते पाया गया,
पुलिस ने चार्जशीट पर मजिस्ट्रेट द्वारा जारी सम्मन को चुनौती दी गई है,
याची का कहना है कि उसने कभी बिजली कनेक्शन लिया ही नहीं,
नया घर बनाया है,शारदा देवी की अर्जी पर बिजली कनेक्शन दिया गया है,
मीटर भी लगा है,कोई बिल नहीं आया है और न ही कनेक्शन काटा गया है,
15 सितंबर 20 को टीम ने कोई निरीक्षण नहीं किया,
याची के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई, जबकि उसके नाम कनेक्शन नहीं है,
वह उपभोक्ता ही नहीं है।श और कोई स्वतंत्र गवाह नहीं है,
विवेचना अधिकारी ने बिना उसका बयान लिए अवैध रूप से चार्जशीट दायर कर दी,
याची बकायेदार नहीं है और किसी भी बिल के भुगतान का जिम्मेदार नहीं है,
याची ने बिजली विभाग के अधिकारियों पर बिना मीटर लगाए मनमानी बिजली चोरी का आरोप लगाया है,
कहा उन पर कार्रवाई नहीं की जाती है,
याची जिसके नाम कनेक्शन ही नहीं उसके खिलाफ बिजली चोरी का आरोप लगा है,
जिसे कोर्ट ने गंभीरता से लिया और तीनों विद्युत वितरण निगम से जवाब मांगा है।